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कपास की खेती: देश में 120 लाख हेक्टेयर में होगी कपास की खेती

2025-06-05 11:13:56
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कपास की बुवाई का क्षेत्रफल 120 लाख हेक्टेयर अनुमानित


नागपुर : पिछले सीजन में देश में 113 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती हुई थी। कहा जा रहा है कि इस सीजन में 100 लाख हेक्टेयर की सीमा में ही कपास की खेती होगी। हालांकि, केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. विजय वाघमारे ने विश्वास जताया है कि इस खरीफ सीजन में कपास की खेती का रकबा 120 लाख हेक्टेयर ही रहेगा।

कपास क्षेत्र में गुलाबी सुंडी का प्रकोप, कीमतों में उतार-चढ़ाव समेत कई कारणों से अशांति है। देखा जा रहा है कि कपास का रकबा लगातार घट रहा है। भारत का कुल कपास खेती का रकबा 130 लाख हेक्टेयर है और हर साल औसतन 120 से 130 लाख हेक्टेयर में खेती होती है। हालांकि, वर्ष 2024-25 में कपास की खेती का रकबा काफी हद तक प्रभावित हुआ और घटकर 113 लाख हेक्टेयर रह गया।

अगर यही स्थिति रही तो अनुमान है कि 2025-26 के खरीफ सीजन में कपास की खेती 100 लाख हेक्टेयर तक सीमित रह जाएगी। हालांकि, डॉ. वाघमारे ने इस संभावना को खारिज करते हुए दावा किया कि 120 लाख हेक्टेयर तक कपास की बुआई होगी। महाराष्ट्र की तुलना में दक्षिणी राज्यों में कपास की खेती पहले से ही हो रही है। 

अभी तक इस क्षेत्र में 95 फीसदी रकबे में खेती हो चुकी है। चूंकि महाराष्ट्र में शुष्क भूमि वाले क्षेत्र ज्यादा हैं, इसलिए कृषि सीजन मानसून की बारिश पर निर्भर करता है। इसलिए ज्यादातर खेती जून के बाद की जाती है, डॉ. वाघमारे ने कहा। 

हालांकि गुलाबी सुंडी की समस्या है, लेकिन इसे लेकर किसानों में जागरूकता बढ़ी है। इसलिए किसान पहले से ही सतर्क हैं और इस कीड़े पर नियंत्रण के लिए प्रयास कर रहे हैं। नतीजतन, यह कहना गलत है कि गुलाबी सुंडी के कारण खेती का रकबा कम हुआ है या कम हो रहा है। इस साल देश में 120 लाख हेक्टेयर में कपास की खेती होगी, जबकि महाराष्ट्र में करीब 40 लाख हेक्टेयर में।


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