देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति है, लेकिन हरियाणा और विशेष रूप से भिवानी में इस बार औसत से भी कम बारिश हुई है। भिवानी जिले में अभी तक औसतन 40 एमएम बारिश भी दर्ज नहीं की गई है। इससे किसान बीजाई को लेकर चिंतित हैं और लोग उमस और गर्मी से परेशान हैं।
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि कम बारिश का कारण प्रदूषण है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार भी यहां बादल नहीं बरस रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से मौसम में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। तापमान बढ़ने के साथ ही उमस भी बढ़ी है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. देवीलाल ने बताया कि जून के अंतिम सप्ताह में मानसून की सक्रियता बढ़ गई थी, लेकिन अभी तक सभी हिस्सों में बारिश नहीं हुई है। इससे किसानों को खरीफ फसल की बीजाई और उत्पादन में परेशानी आ सकती है।
भिवानी जिले में करीब 25 हजार एकड़ में दलहन की फसल बीजाई की जाती है, जो पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है। ग्वार का क्षेत्रफल भी अधिक होता है, मगर बारिश नहीं होने से किसान ग्वार की बीजाई करने में हिचक रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि भिवानी एक मरुस्थली इलाका है, जहां बारिश पर किसानों की निर्भरता रहती है। कुछ फसलों को किसान ट्यूबवेल और बोरवेल के सहारे भी सिंचित कर उत्पादन कर रहे हैं।
अभी तक भिवानी जिले में उम्मीद के अनुरूप बारिश नहीं हुई है। किसान खरीफ सीजन की फसल बीजाई में लगे हुए हैं। कृषि विभाग ने खरीफ बीजाई का संभावित लक्ष्य तैयार किया है और उसे पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।