ब्राज़ील से कपास आयात में बढ़ोतरी, भारत का आयात ज़्यादा, निर्यात कम
2025-07-31 12:16:55
महाराष्ट्र : कपास आयात: ब्राज़ील से कपास का आयात बढ़ रहा है; भारत का आयात ज़्यादा, निर्यात कम
देश में उत्पादन में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम कीमतों के कारण इस साल देश में कपास का आयात बढ़ रहा है। चालू सीजन के पहले 8 महीनों में आयात पिछले छह सालों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। देश ने 27 लाख गांठ कपास का आयात किया। गौरतलब है कि इस साल अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की तुलना में ब्राज़ील से ज़्यादा आयात हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें अभी भी कम हैं। इसलिए आयातकों का कहना है कि कपास का आयात और बढ़ने की संभावना है।
भारत कपास निर्यातक के रूप में जाना जाता है। हालाँकि, देश में उत्पादन में गिरावट और खपत बढ़ने के कारण आयात बढ़ रहा है। देश में कपास का उत्पादन इस साल पिछले कई सालों के निचले स्तर पर पहुँच गया है। वहीं दूसरी ओर, कपास की खपत स्थिर है। इसलिए भारत को अपनी ज़रूरतें कपास का आयात करके पूरी करनी पड़ रही हैं। दूसरी बात, देश में उत्पादन कम हुआ है, लेकिन माँग बढ़ने से कीमतों में भी सुधार हुआ है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। इसके चलते देश में आयात बढ़ रहा है।
अक्टूबर 2024 से मई 2025 तक के 8 महीनों के दौरान देश ने पिछले 6 सालों में सबसे ज़्यादा आयात किया है। पिछले वित्तीय वर्ष में 15 लाख गांठ कपास का आयात हुआ था। इससे पहले 2018-19 में 35 लाख गांठ कपास का आयात हुआ था। देश में उत्पादन कम रहने और खपत बढ़ने के बाद आयात में भी बढ़ोतरी हुई है। हालाँकि, निर्यात पिछले 18 सालों में सबसे निचले स्तर पर देखा जा रहा है। अब तक देश से सिर्फ़ 13 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ है। इससे पहले सबसे कम 23 लाख गांठ कपास का निर्यात 2008-09 में हुआ था। निर्यातकों का कहना है कि इस साल इतने निर्यात की संभावना कम है।
चालू सीज़न में यानी 2024-25 के पहले 8 महीनों में 27 लाख गांठ कपास का आयात हुआ। सबसे ज़्यादा आयात ब्राज़ील से हुआ। क्योंकि ब्राज़ीलियाई कपास के दाम कम रहे। इस वर्ष अब तक ब्राज़ील से साढ़े छह लाख गांठ कपास का आयात किया जा चुका है। इसके बाद अमेरिका से साढ़े पाँच लाख गांठ, ऑस्ट्रेलिया से पाँच लाख गांठ, माली से एक लाख 79 हज़ार गांठ और मिस्र से 83 हज़ार गांठ कपास का आयात किया गया है। गौरतलब है कि इन सभी देशों में कपास की कीमतें भारत की तुलना में कम थीं। इस वजह से देश में कपास का आयात बढ़ा है।