श्रीगंगानगर में बीटी कपास पर गुलाबी सुंडी का खतरा, किसानों को सलाह
2025-07-10 17:46:36
बीटी कपास में गुलाबी सुंडी का खतराः श्रीगंगानगर में खेतों में दिखा कीट, कृषि विभाग ने किसानों को दी सलाह
श्रीगंगानगर के कुछ खेतों में बीटी कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखा गया है। कीट की मौजूदगी की पुष्टि होते ही कृषि विभाग हरकत में आया है और किसानों को अलर्ट करते हुए सावधानी बरतने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग ने सलाह दी है कि यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
बीज, दूरी और खरपतवार पर विशेष ध्यान देने की अपील
कृषि विभाग के सहायक निदेशक जसवंत सिंह ने बताया कि बीटी कपास की बुवाई करते समय प्रति बीघा 450 ग्राम बीज का उपयोग करें। साथ ही कतारों के बीच 108 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी बनाए रखें। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि केवल राज्य सरकार से अनुमोदित बीज का ही इस्तेमाल करें और अज्ञात स्रोतों से बीज खरीदने से बचें।
गुलाबी सुंडी से बचाव के लिए समन्वित कीटनाशक प्रबंधन जरूरी
सुंडी से बचाव के लिए फसल चक्र, गहरी जुताई, खेत व आस-पास के खरपतवार को नष्ट करना, खेत में छिट्टियों की सफाई और अधपके टिंडों का नष्ट करना आवश्यक बताया गया है। साथ ही, खेत में बची लकड़ियों को अप्रैल माह से ही मच्छरदानी या पॉलिथीन से ढककर रखें ताकि पतंगे बाहर न आ सकें।
कीटनाशकों के सही समय पर करें छिड़काव
कृषि विभाग ने कीटनाशकों के चयन को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की बात कही है। 45 से 60 दिन की अवस्था में नीम आधारित कीटनाशकों और 120 दिन के बाद पायरेथ्रायड आधारित कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी गई है।
कृषकों से संपर्क की अपील
जिन खेतों में नरमा की लकड़ियां या पास में जिनिंग फैक्ट्रियां व बिनौला तेल मिलें हैं, वहां विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि किसी भी संदेह या सहायता के लिए अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी या अनूपगढ़ स्थित सहायक निदेशक कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
पिछले दो वर्षों में भी रहा है असर
गौरतलब है कि दो साल पहले भी गुलाबी सुंडी ने नरमा की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था। इस बार समय रहते सतर्कता बरतने से किसानों को फसल बचाने में मदद मिल सकती है।