गिरदावरी अनिवार्य: 17 दिन में MSP पोर्टल पर शून्य रजिस्ट्रेशन
2025-09-19 14:55:53
MSP पर कपास बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन में गिरदावरी अनिवार्य अब तक 50% हुई, नतीजा-17 दिन में पोर्टल पर 1 भी पंजीयन नहीं
हनुमानगढ़ जंक्शन मंडी में पिड़ पर लगे कपास के ढेर। | हनुमानगढ़ कपास की समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए सीसीआई की ओर से पहली बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का प्रावधान लागू किया गया है। इसके लिए ‘कपास किसान’ एप लांच कर 1 सितम्बर
गिरदावरी का कार्य शत-प्रतिशत पूरा होने के बाद रिपोर्ट सर्टिफाइड कर अपलोड की जाएगी। इसके बाद ही किसान पटवारी या ऑनलाइन गिरदावरी रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे। पूर्ण गिरदावरी 15 अक्टूबर से पहले होने के आसार नहीं है। इस कारण कपास की सरकारी खरीद भी तय समय पर शुरू नहीं हो पाएगी। कृषि विपणन विभाग की ओर से रजिस्ट्रेशन के समय गिरदावरी की अनिवार्यता हटाने के लिए सीसीआई को पत्र भी लिखा गया है। इसके बावजूद सीसीआई ने इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किए हैं। एफसीआई द्वारा गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर की जाती है, लेकिन इसमें पंजीयन के दौरान गिरदावरी जरूरी नहीं होती।
जब किसान मंडी में अपनी उपज लेकर आते हैं तब गिरदावरी लेकर खरीद कर ली जाती है। जबकि सीसीआई ने रजिस्ट्रेशन के समय ही गिरदावरी रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है। इस कारण पंजीयन नहीं हो पाएगी और समय पर खरीद भी प्रारंभ नहीं हो पाएगी। इससे कृषकों को भारी नुकसान होगा। जिले में इस बार लगभग 1 लाख 80 हजार हेक्टेयर में कपास की बिजाई हुई है। बिजाई का क्षेत्र गत वर्ष से करीब 61 हजार हेक्टेयर ज्यादा है। अब तक फसल भी अच्छी स्थिति में है। ऐसे में उत्पादन भी अच्छा होने की संभावना है। अक्टूबर माह में कॉटन मंडियों में आ जाएगी।
समय पर समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं हुआ तो किसानों को परेशानी होगी। जिले में इस बार 9 केंद्रों पर भारतीय कपास निगम (सीसीआई) खरीद करेगी। सीसीआई की ओर से कृषि उपज मंडी समिति हनुमानगढ़ टाउन, जंक्शन, गोलूवाला, पीलीबंगा, रावतसर, भादरा, नोहर, टिब्बी और संगरिया के सचिव को पत्र लिखकर किसानों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए जागरूक करने की अपील की है, लेकिन पंजीयन में गिरदावरी रिपोर्ट अपलोड करने की अनिवार्यता के चलते किसान पंजीयन नहीं करवा पा रहे हैं। जबकि सीसीआई के अधिकारियों का दावा है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किसानों की सुविधा के लिए शुरू किए गए हैं। पंजीयन के बाद स्लॉट के अनुसार अपनी उपज मंडियों में लेकर आ सकेंगे। किसानों को परेशान करने को गिरदावरी की बाध्यता सरकार कृषि जिंस समर्थन मूल्य पर खरीदना ही नहीं चाहती। सरकार हर दिन नए नियम बना देती है जबकि किसानों के हित के बारे में नहीं सोचती। इसलिए तरह-तरह की अड़चनें लगाई जाती है। कपास खरीदने के लिए पहले ऑनलाइन पंजीयन जरूरी किया गया। अब गिरदावरी की बाध्यता लगा दी। ये किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सुरेंद्र शर्मा, किसान नेता, हनुमानगढ़ उपनिदेशक बोले-पंजीयन में गिरदावरी की अनिवार्यता हटाने के लिए महाप्रबंधक को पत्र लिखा कपास एप पर पंजीयन के समय गिरदावरी की अनिवार्यता है। इस कारण एक भी पंजीयन नहीं हुआ है। रजिस्ट्रेशन के समय गिरदावरी की बाध्यता हटाने के लिए सीसीआई के महाप्रबंधक को पत्र लिखा गया है। डीएल कालवा, उपनिदेशक कृषि विपणन विभाग, हनुमानगढ़ केंद्र सरकार ने कपास की एमएसपी 589 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई, कृषकों को लाभ होगा: केंद्र सरकार द्वारा इस बार कपास की एमएसपी 589 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है। इस बार मध्यम स्टेपल कपास का समर्थन मूल्य 7710 रुपए प्रति क्विंटल और लंबी स्टेपल कपास का एमएसपी 8110 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। हनुमानगढ़ जिले में गत वर्षों के दौरान मध्यम और लंबी के बीच सामान्य स्टेपल कपास का उत्पादन होता है। जब मंडियों में आवक शुरू होती है उस दौरान सीसीआई की ओर से लैंथ जांच कर मूल्य निर्धारित किया जाता है। फिर उसी दर पर खरीद की जाती है। गत वर्ष मध्यम स्टेपल कपास का मूल्य 7121 रुपए प्रति क्विंटल और लंबी स्टेपल का मूल्य 7521 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित था। गत वर्ष उत्पादन कम होने के कारण समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं हो पाई थी।
व्यापारियों ने ही खुली नीलामी पर उपज खरीदी। सीजन में औसत बाजार भाव 6500 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल रहे। गाइडलाइन उच्च स्तर से, पंजीयन में गिरदावरी जरूरी कपास उत्पादक किसान अपनी उपज बेचने के लिए कपास किसान एप पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। पंजीयन के समय गिरदावरी जरूरी है। कपास खरीद के लिए पंजीयन और खरीद संबंधी गाइडलाइन उच्च स्तर से तय होती है। केवलकृष्ण शर्मा, क्वालिटी इंस्पेक्टर सीसीआई