तनाव और आशंकाओं के बीच जून-जुलाई में भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर: RBI बुलेटिन
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बुलेटिन के नवीनतम अंक में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि भू-राजनीतिक तनाव और टैरिफ नीति की अनिश्चितताओं के बीच इस वर्ष जून और जुलाई में भारत की आर्थिक गतिविधियाँ स्थिर रहीं, खरीफ कृषि मौसम की बेहतर संभावनाओं, सेवा क्षेत्र में मज़बूत गति जारी रहने और औद्योगिक गतिविधियों में मामूली वृद्धि के साथ।
इन दो महीनों में वैश्विक समष्टि आर्थिक परिवेश अस्थिर बना रहा।
घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति पर लिखे गए लेख में कहा गया है कि खाद्य कीमतों में गिरावट के कारण जून में लगातार पाँचवें महीने मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से नीचे रही।
ऋण बाज़ारों तक नीतिगत दरों में कटौती का तेज़ी से लाभ पहुँचाने के लिए प्रणालीगत तरलता अधिशेष में रही। इसमें कहा गया है कि पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार और मध्यम बाह्य ऋण-सकल घरेलू उत्पाद अनुपात के कारण बाह्य क्षेत्र लचीला बना रहा।
बुलेटिन के एक अन्य लेख में उल्लेख किया गया है कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि, अनुभवजन्य अनुमानों के अनुसार, भारत की मुख्य मुद्रास्फीति को समसामयिक आधार पर लगभग 20 आधार अंकों तक बढ़ा सकती है।
देश में तेल की कीमतों और मुद्रास्फीति के संबंध पर लेख में कहा गया है कि तेल आयात पर निर्भरता में वृद्धि के कारण न केवल घरेलू कीमतों पर पड़ने वाले प्रभाव को नियंत्रित करने के उपाय किए जाने की आवश्यकता है, बल्कि दीर्घावधि में घरेलू ईंधन कीमतों के अधिक कुशल प्रबंधन के लिए ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों की ओर धीरे-धीरे रुख करने की भी आवश्यकता है।