कपास की बुवाई ने पकड़ी रफ्तार: 2025-26 सीज़न से पहले पूरे भारत में बुवाई क्षेत्र 7% बढ़ा
आगामी 2025-26 सीज़न के लिए कपास की बुवाई ने देशभर में सकारात्मक रुझान दिखाया है। पूरे भारत में अब तक कुल 31.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज 29.12 लाख हेक्टेयर की तुलना में 7.3% की वृद्धि दर्शाता है।
राज्यवार प्रदर्शन: राजस्थान में कपास की बुवाई में जबरदस्त इज़ाफा देखा गया है। इस वर्ष अब तक 550.29 हजार हेक्टेयर में बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 444.79 हजार हेक्टेयर था — यानी 23.7% की उल्लेखनीय वृद्धि।
गुजरात, जो कपास उत्पादन में एक प्रमुख राज्य है, वहाँ बुवाई 7.58 लाख हेक्टेयर (757,842 हेक्टेयर) तक पहुँच गई है, जबकि पिछले साल इसी समय तक 5.80 लाख हेक्टेयर (580,128 हेक्टेयर) में बुवाई हुई थी — यह 30.6% की तेज़ बढ़त है।
महाराष्ट्र ने भी एक मामूली वृद्धि दर्ज की है। अब तक 11.53 लाख हेक्टेयर (1,153,486 हेक्टेयर) में बुवाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ष के 11.30 लाख हेक्टेयर (1,129,892 हेक्टेयर) की तुलना में 2.1% अधिक है।
हालांकि, कुछ राज्यों में गिरावट भी देखी गई है:
कर्नाटक में बुवाई घटकर 3.36 लाख हेक्टेयर रह गई है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 5.19 लाख हेक्टेयर था — यह 35.3% की तीव्र गिरावट है।
तेलंगाना में भी बुवाई में कमी आई है। इस वर्ष अब तक 22.84 लाख हेक्टेयर (2,284,474 हेक्टेयर) में कपास बोया गया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 26.42 लाख हेक्टेयर (2,641,595 हेक्टेयर) था — 13.5% की गिरावट।
दृष्टिकोण: विशेषज्ञों का मानना है कि राजस्थान और गुजरात में शुरुआती मानसून की अनुकूल स्थितियाँ और बाज़ार की बेहतर धारणा बुवाई में वृद्धि का कारण रही हैं। वहीं, कर्नाटक और तेलंगाना में वर्षा में देरी और फसल प्राथमिकताओं में बदलाव के कारण बुवाई प्रभावित हुई है।
कृषि मंत्रालय मौसम की स्थिति को देखते हुए बुवाई के रुझानों पर करीबी नज़र रख रहा है। अभी तक की सकारात्मक शुरुआत इस बात का संकेत है कि यदि आने वाले हफ्तों में मौसम अनुकूल रहा, तो कपास के लिए यह खरीफ सीज़न मजबूत हो सकता है।