कॉटन- उत्पादन भी कम और आयात की जरूरत भी हुई डबल, महाराष्ट्र में नुकसान
2025-04-14 10:39:56
महाराष्ट्र में नुकसान के बीच कपास उत्पादन में गिरावट, आयात दोगुना
बड़ी खबर : भारत में इस बार कॉटन (Cotton) का सीजन आंकड़ों के लिहाज से बहुत कुछ कहता है. एक तरफ घरेलू उत्पादन घटा है, दूसरी तरफ आयात की जरूरत दोगुनी हो गई है और एक्सपोर्ट में बड़ी गिरावट आई है. ये सारे बदलाव 2024-25 के लिए भारत के कॉटन मार्केट की दिशा तय कर सकते हैं.
महाराष्ट्र में नुकसान, तेलंगाना से थोड़ी राहत
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने हाल ही में अपना नया अनुमान जारी किया है, जिसके मुताबिक देश में कपास का कुल उत्पादन अब घटकर 291.30 लाख गांठ रह गया है. पहले ये 295.30 लाख गांठ आंका गया था. इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह है महाराष्ट्र (Maharashtra), जहां से अकेले 5 लाख गांठ का नुकसान दर्ज किया गया. राज्य में इस बार न तो फसल की पैदावार ठीक रही और न ही उतनी खेती हुई जितनी उम्मीद थी. हालांकि तेलंगाना से 1 लाख गांठ की बढ़त जरूर दर्ज की गई है, लेकिन वो भी नुकसान की भरपाई नहीं कर पाई.
मार्च तक ही पहुंचा 25 लाख गांठ का आयात
घरेलू मांग को पूरा करने के लिए अब भारत को विदेशी सप्लाई की ओर देखना पड़ रहा है. मार्च के अंत तक ही भारत 25 लाख गांठ कपास इम्पोर्ट कर चुका था और पूरे सीजन का अनुमान है कि ये आंकड़ा 33 लाख गांठ तक पहुंच सकता है. पिछले साल ये संख्या सिर्फ 15.20 लाख गांठ थी यानी आयात करीब-करीब दोगुना हो गया है.
इस साल भारत का टोटल कपास सप्लाई, जिसमें ओपनिंग स्टॉक्स और इम्पोर्ट दोनों शामिल हैं, 306.83 लाख गांठ तक पहुंच गया है. लेकिन खपत उससे भी ज्यादा है.