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हरियाणा की अनाज मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक पर बिक रही कपास

2024-09-24 11:25:56
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हरियाणा की अनाज मंडियों में कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम पर बिक रहा है।


होडल:- इस समय उपमंडल की अनाज मंडी में कपास की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक कीमत पर बिक रही है। इसका प्रमुख कारण कपास की खेती के क्षेत्र में कमी और बारिश के कारण जलभराव से उत्पादन में गिरावट है। हालांकि बारिश से फसल को नुकसान हुआ है, लेकिन ऊंचे दाम मिलने से किसानों को कुछ राहत मिल रही है। वर्तमान में होडल की मंडी में किसान कपास बेचने पहुंच रहे हैं, जहां कपास की कीमत 7400 से 7900 रुपये प्रति क्विंटल तक है।


2023 में, 23 सितंबर तक मंडी में 11,528 क्विंटल कपास की आवक हुई थी, जबकि इस वित्त वर्ष में अब तक केवल 4144 क्विंटल कपास मंडी में आई है। सरकार द्वारा छोटे रेशे वाली कपास के लिए एमएसपी 7121 रुपये और लंबे रेशे वाली कपास के लिए 7521 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। होडल क्षेत्र में मुख्य रूप से लंबे रेशे वाली कपास उगाई जाती है। पिछले सीजन तक किसानों को कपास एमएसपी पर बेचने के लिए आंदोलन करना पड़ता था, जबकि इस बार स्थिति उलट है। कपास का रकबा घटने और सितंबर में भारी बारिश के चलते खेतों में जलभराव से उत्पादन में भारी कमी आई है। इससे बाजार में कपास की मांग बढ़ी है और व्यापारी अच्छे भाव देकर कपास खरीद रहे हैं।


मौसम की वजह से गुणवत्ता पर असर  
इस साल मौसम की प्रतिकूलता के कारण कपास की गुणवत्ता प्रभावित हुई है, फिर भी किसानों को अच्छे भाव मिल रहे हैं। अब तक जितनी भी कपास मंडी में आई है, उसकी निजी खरीद हुई है। सितंबर 2023 की शुरुआत में कपास की कीमत 5200 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो अब बढ़कर 7400 से 7900 रुपये तक पहुंच गई है। नवंबर में धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के कारण किसान कपास मंडी में कम ला रहे हैं। क्षेत्र में हुई भारी बारिश से फसल को काफी नुकसान हुआ है।

बारिश से बड़ा नुकसान  
मंडी सचिव वीरेंद्र कुमार के अनुसार, पिछले वर्ष 23 सितंबर तक मंडी में 11,528 क्विंटल कपास आई थी, जबकि इस वर्ष अब तक सिर्फ 4144 क्विंटल कपास की आवक हुई है, जो यह संकेत देता है कि बारिश के कारण फसल को काफी नुकसान हुआ है। कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि फसल में रोग अधिक होने से किसानों ने इस बार कपास की बुवाई भी कम की है।



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