राजस्थान : कपास पर संकट मानसून और कीटों ने बढ़ाई परेशानी
2025-07-16 11:07:25
राजस्थान : कपास की फसल में मानसून बना सिरदर्द, कीट और बीमारियों ने बढ़ाई किसानों की चिंता
अलवर : मानसून की बारिश में कई तरह की मौसमी बीमारियों से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस तरह फसलों के लिए भी मानसून में लगने वाले रोगों से किसान भी परेशान होते हैं. ऐसे में किसानों को कपास की फसल में लगने वाले रोग से काफी परेशानियां बढ़ जाती हैं. खैरथल-तिजारा जिले में किसानों ने कपास की बुवाई कर रखी है, जिसकी बुवाई किए किसानों को करीब 40 से 45 दिन हो गए हैं. ऐसे में जब मौसम चेंज होता है तो फसल में कई रोग आने की संभावना बढ़ जाती है.
खैरथल-तिजारा जिले के समीप गांव मीरका बसई के निवासी अमर सिंह जांगिड़ ने बताया कि मानसून की लगातार बारिश के दौरान फसल में फंगस, अगेती झुलसा, पछेती झुलसा सहित अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में मानसून की इस बारिश में फसल में कोई भी स्प्रे नहीं हो पा रही है.
किसान जब भी अपने खेत को देखने जाता है तो कपास की फसल में पेड़ों (पौधों) की पत्तियों को ऊपर से देखते हैं, लेकिन अगर आप पत्तियों को पलट कर नीचे से देखते हैं तो आपको एफिड (Aphids), जसिड (Jassids) और व्हाइट फ्लाई (Whitefly) दिखाई दे रहे हैं, तो यह संकेत है कि फसल पर कीट प्रकोप हो रहा है. यह कीट फसल की वृद्धि और उत्पादन को नुकसान पहुंचा सकते हैं. किसानों को तुरंत इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
किसान कपास की फसल को रोग से ऐसे बचाएं
अगर किसानों की फसल में अगेती झुलसा का बारिश के बाद में बढ़ने का खतरा रहता है, तो इसकी रोकथाम के लिए किसानों को कीटनाशक दवाइयाँ अधिकृत खाद-बीज भंडार से लेनी होंगी. थ्रिप्स (Thrips) कीट से बचने के लिए किसान इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid) कीटनाशक दवा का प्रयोग करें, जो एफिड्स, व्हाइट फ्लाई, जसिड्स जैसे रस चूसने वाले कीटों को नियंत्रित करती है.
इन बीमारियों और कीटों से है खतरा
इलाके में अगेती फसल में पिंक बॉलवर्म (लाल लट) का कपास की फसल में प्रकोप बढ़ जाता है, जो सबसे बड़ा खतरा कपास की फसल के लिए होता है. इसका कारण यह होता है कि जहां पिछले साल का खेत में भूसा यानी डाखला लगा हुआ है, उस खेत में खेती नहीं करनी चाहिए, जिससे कीटाणु बढ़ जाते हैं. अगर उसी खेत में बुवाई कर रहे हैं, तो गहरी जुताई करने की आवश्यकता होती है. पिंक बॉलवर्म (लाल लट) से बचाव के लिए किसान कोराजिन, कलेक्श और एम्पलीगो जैसे कीटनाशकों को प्रभावी मानते हैं, लेकिन किसान अच्छा ‘कोराजिन’ को मानते हैं. हालांकि, किसानों का कहना है कि कोराजिन की कीमत अन्य कीटनाशकों की तुलना में अधिक है, जिससे छोटे किसान इसे खरीदने में थोड़ी हिचकिचाहट महसूस करते हैं.
लेकिन जिले के किसानों से लोकल 18 अपील करता है, अगर आपकी फसल में कोई भी रोग लगता है तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. अगर आप किसी भी दवा का इस्तेमाल करते हैं, तो पहले कृषि विभाग या कृषि वैज्ञानिक की सलाह लेकर ही उपयोग करें.