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कृषि विभाग ने कपास किसानों को दी चेतावनी: उत्पादन पर गुलाबी सुण्डी का खतरा

2024-06-28 11:55:56
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कृषि विभाग ने कपास उत्पादकों को पिंक बॉलवर्म से होने वाले उत्पादन के खतरे के बारे में सचेत किया है।


हनुमानगढ़: कृषि विभाग ने जिले के किसानों को चेतावनी दी है कि बीटी कपास में गुलाबी सुण्डी का प्रकोप इस साल फिर से उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। पिछले वर्ष भी जिले में इस कीट की गंभीर समस्या आई थी, जिससे कपास की पैदावार बुरी तरह प्रभावित हुई थी। 


बीटी कपास की बुवाई का क्षेत्र इस बार भी लगभग 40 प्रतिशत ही रह गया है, बावजूद इसके कि विभाग ने लगातार किसानों को जागरूक किया है। गुलाबी सुण्डी के संभावित प्रकोप को देखते हुए, विभाग ने फरवरी से ही प्रबन्धन उपायों की जानकारी दी है। गुलाबी सुण्डी कीट के प्युपा अवस्था को नष्ट करके उसके जीवन चक्र को बाधित करने के लिए बनच्छटी प्रबन्धन के उपाय सुझाए गए हैं। हालांकि, कुछ किसानों ने इन उपायों पर ध्यान नहीं दिया और अगेती बुवाई की।


कुछ खेतों में, जहां कपास की अगेती बुवाई की गई थी, पर्याप्त सिंचाई पानी और समय पर सिंचाई के बावजूद अत्यधिक गर्मी के कारण पौधों में फूल निकले और गुलाबी सुण्डी का प्रकोप देखा गया है। 

विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे अगेती बुवाई की गई फसल में गुलाबी सुण्डी प्रबन्धन उपायों का पालन करें। हर सप्ताह निश्चित दिन पर कीटनाशी रसायनों का छिड़काव करें और गुलाबी सुण्डी से प्रभावित फूलों और टिण्डों को तोड़कर नष्ट करें। 60 दिन की अवस्था तक नीम आधारित कीटनाशक का उपयोग करें और बीटी कपास में सिंथेटिक एवं रेडिमिक्स कीटनाशी रसायनों का प्रयोग न करें। 

किसानों की समस्याओं से जिला कलक्टर को अवगत कराया
भारतीय किसान यूनियन टिकैत जिला हनुमानगढ़ ने बुधवार को जिलाध्यक्ष रेशम सिंह माणुका के नेतृत्व में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों की विभिन्न मांगों को उठाया गया, जिसमें पिछले वर्ष गुलाबी सुण्डी के कारण हुए नुकसान के लिए 1125 करोड़ मुआवजे की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक किसी भी किसान को मुआवजा नहीं मिला है। 


किसानों ने राज्य सरकार से मूंगफली की खरीद के लिए सभी मंडियों में खरीद केंद्र शुरू करने और मूंग की सरकारी खरीद 1 सितंबर से शुरू करने की मांग की। इसके अलावा, धान की सरकारी खरीद भी 15 सितंबर तक हर हाल में शुरू करने और कृषि क्षेत्र में पूरी बिजली देने की मांग की गई।


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