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मध्यांचल जिनर्स ने सीसीआई से एमएसपी संचालन सुधार पर जोर

2025-09-16 12:22:06
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मध्यांचल जिनर्स एसोसिएशन ने सीसीआई को भेजे सुझाव, एमएसपी संचालन को सुचारु बनाने पर जोर

मध्यांचल क्षेत्र के कपास जिनर्स ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संचालन की प्रक्रिया को सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए द कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCI) को विस्तृत सुझाव भेजे हैं। यह पत्र सीसीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री ललित कुमार गुप्ता को संबोधित है, जिसकी प्रति वस्त्र मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती पद्मिनी सिंगला को भी प्रेषित की गई है।

11 सितम्बर को नई दिल्ली में हुई बैठक में जिनर्स ने सीसीआई और वस्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एमएसपी संचालन से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की थी। उसी कड़ी में जिनर्स एसोसिएशन ने 12 सितम्बर को सीसीआई द्वारा जारी पत्र के संदर्भ में अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं।

प्रमुख सुझाव:

1. एल1 दर को प्राथमिकता – तकनीकी रूप से पात्र सभी फैक्ट्रियों को, जो एल1 दर पर काम करने के लिए तैयार हैं, उन्हें रेटिंग पॉइंट्स के आधार पर टर्न-बाय-टर्न कार्य आवंटित किया जाए।

2. समान दर व रेटिंग की स्थिति – ऐसी परिस्थिति में कार्य आवंटन फैक्ट्री की स्थापना वर्ष के आधार पर किया जाए।

3. पुनः-निविदा का विकल्प – या तो सभी निविदाओं को नई प्रणाली से पुनः-निविदा किया जाए, या पूर्व में निविदा जमा करने वालों को पुरानी शर्तों पर कार्य की अनुमति दी जाए।

4. भौगोलिक लचीलापन – मध्यप्रदेश के सीमावर्ती केंद्रों (सेंधवा, खेतीया, अंजद, कुकशी, बुरहानपुर) में किसानों को नजदीकी फैक्ट्री में कपास बेचने की अनुमति मिले, चाहे वह किसी भी जिले में हो।

अतिरिक्त अनुरोध:

* निविदा शर्तों में लिंट प्रतिशत पिछले वर्ष की तरह रखा जाए।
* नई दिल्ली बैठक में चर्चा की गई शर्तों को भी नई निविदा सूचना में शामिल किया जाए।
* एमएसपी खरीद प्रक्रिया में एसोसिएशन ने सीसीआई को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।

प्रस्तावित प्रणाली के लाभ:

* सीसीआई को कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
* कपास भंडारण विभिन्न स्थानों पर होने से सुरक्षा जोखिम कम होंगे।
* किसानों को निकटतम फैक्ट्री में कपास बेचने की सुविधा मिलेगी।
* आधुनिक जिनिंग इकाइयों से गुणवत्ता में सुधार होगा।
* श्रमिकों की उपलब्धता और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
* जिनिंग फैक्ट्रियाँ सक्रिय रहेंगी और एनपीए बनने से बचेंगी।

मध्यांचल जिनर्स एसोसिएशन ने उम्मीद जताई है कि सीसीआई और वस्त्र मंत्रालय उनके सुझावों को स्वीकार करेंगे, जिससे एमएसपी संचालन अधिक प्रभावी, किसानोन्मुखी और उद्योग हित में होगा।


और पढ़ें :- भारत का अगस्त में कपड़ा-परिधान निर्यात 2.7% घटा




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