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“कपास से कपड़े तक: 10 साल का मजबूत मिशन”

2025-11-22 12:42:38
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खेती से सिलाई तक: कपास के हर धागे को मजबूत करेगा 10 साल का मिशन

भारत सरकार ने कपास (Cotton) उत्पादकता बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. पहले यह मिशन 5 साल के लिए चलाने की तैयारी थी, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सुझाव दिया कि 5 साल कम हैं. इसलिए अब कपास उत्पादकता मिशन को 10 साल की अवधि देने की तैयारी है. इस मिशन का उद्देश्य कपास उत्पादन बढ़ाना, बेहतर किस्में उपलब्ध कराना और किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करना है.

मिशन क्यों ज़रूरी है?

    देश में कपास उत्पादन लगातार उतार–चढ़ाव में है.
    2023-24 में उत्पादन 32.52 मिलियन गांठ था.
    2024-25 में यह घटकर 29.72 मिलियन गांठ रह गया.

2025-26 के लिए सटीक आंकड़े सरकार ने अभी जारी नहीं किए, लेकिन व्यापारिक संस्थाएं अनुमान लगा रही हैं कि उत्पादन लगभग 30.5 मिलियन गांठ रह सकता है. इस गिरावट से किसान और टेक्सटाइल उद्योग दोनों प्रभावित होते हैं. इसलिए सरकार का यह मिशन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

क्या मिलेगा किसानों को इस मिशन से?

1. बेहतर बीज और तकनीक

ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) किसानों को नई, बेहतर और ज्यादा उत्पादन देने वाली कपास की किस्में उपलब्ध कराएगी. परंतु सरकार ने यह भी साफ किया है कि बीज अनुसंधान का काम पहले से ही “हाई-यील्डिंग सीड मिशन” में प्रस्तावित है, इसलिए दोनों योजनाओं में दोहराव नहीं होगा.

2. खेती की आधुनिक तकनीकें

इस मिशन के तहत किसानों को आधुनिक खेती तकनीकें, मिट्टी प्रबंधन, कीट नियंत्रण और जल प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षण मिलेगा.

3. लंबी रेशे वाली कपास का प्रचार

सरकार एक्स्ट्रा-लॉन्ग स्टेपल कॉटन (Extra Long Staple Cotton) को बढ़ावा देगी, जिससे कपड़ा उद्योग को बेहतर गुणवत्ता वाला रेशा मिलेगा और किसानों को अधिक कीमत.
क्या है 5F विज़न?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि यह मिशन भारत के 5F विज़न पर आधारित है:
Farm → Fibre → Factory → Fashion → Foreign. इसका मतलब है कि खेती से लेकर कपड़ा फैक्ट्री, फैशन और विदेशों में निर्यात तक एक मजबूत सप्लाई चेन बनाई जाएगी. इससे कपास किसानों को बेहतर कीमत और निश्चित बाजार मिलेगा.

जट और मंत्रालयों में खींचतान

    *शुरू में इस मिशन के लिए लगभग ₹5,000 करोड़ खर्च का अनुमान था.
    *लेकिन अब जब मिशन की अवधि 10 साल होने की संभावना है, तो खर्च बढ़ सकता है.

टेक्सटाइल मंत्रालय चाहता है कि इस धन का कुछ हिस्सा जिनिंग फैक्ट्रियों के आधुनिकीकरण पर लगाया जाए. पर वित्त विभाग और नीति आयोग ने इस प्रस्ताव को मंज़ूरी नहीं दी. उनका कहना है कि बजट में यह बात घोषित नहीं की गई थी, इसलिए इसे हटाना होगा.

केंद्र और राज्य सरकारों की भूमिका

वित्त विभाग ने सलाह दी है कि यह मिशन सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम होना चाहिए ताकि खर्च केंद्र और राज्य मिलकर करें. चूंकि कृषि राज्य का विषय है, इसलिए राज्यों की भागीदारी जरूरी है. सरकार चाहती है कि ICAR अपना अंतिम प्रस्ताव सीधे PMO को भेज दे ताकि ऊपरी स्तर पर सभी मंत्रालयों की बैठक कर जल्द निर्णय लिया जा सके. मिशन के शुरू होने में थोड़ा समय लग रहा है, लेकिन तैयारियां तेजी से चल रही हैं.

कपास किसानों की आमदनी बढ़ाने की पहल

कपास उत्पादकता मिशन भारत के लाखों कपास किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है. 10 साल तक चलने वाला यह मिशन बेहतर बीज, आधुनिक खेती तकनीक और गुणवत्ता सुधार पर फोकस करेगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और देश का टेक्सटाइल उद्योग भी मजबूत होगा. यह मिशन भारत को वैश्विक कपास बाजार में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा.


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