हरियाणा : बंजर भूमि पर कपास उगाकर प्रति एकड़ कमा रहे 80 हजार रुपए
जब क्षेत्र के किसान केवल धान फसल के भरोसे है और जिस भूमि को वे बंजर व अनुपजाऊ समझकर खाली छोड़ देते हैं, उसी भूमि पर कपास की खेती करके हरियाणा के किसान हजारों रुपए प्रति एकड़ के दर से लाभ कमा रहे हैं।
यहां से 10 किलोमीटर दूर ग्राम रावन की 120 एकड़ पड़त भूमि को लीज में लेकर हरियाणा के रोहतक जिले से आकर किसान नवीन हुड्डा पिछले 5-6 सालों से कपास की खेती करते हुए प्रति एकड़ 75 हजार से 80 हजार रुपए से अधिक की आमदनी ले रहे हैं। उक्त किसान ने बताया कि बिना सिंचाई साधन वाले उक्त भूमि पर केवल बारिश के भरोसे बीते कुछ सालों से कपास की खेती करते आ रहे हैं।
इसके अलावा पत्थरचुवा आदि गांवों में भी हरियाणा से आए रामहेत, जगबीर, कुलदीप आदि किसान इसी प्रकार की भूमि पर कपास की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 50 से 100 एकड़ का एक प्लाट हरियाणा में उपलब्ध नहीं रहता। इसलिए छत्तीसगढ़ में आकर इसकी खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अथवा क्षेत्र के किसान भी चाहे तो इसे कर सकते हैं परंतु शायद उनकी रुचि नहीं है। तिल्दाबांधा के रामप्रसाद यदू, दरस साहू, जीवन साहू आदि कृष्ण से जब इस पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर हम धान की फसल लेते हैं उसमें पहले दलहन तिलहन लेते थे परंतु बंदरों के प्रकोप के कारण नहीं ले पा रहे हैं।
गन्ना, कपास आदि फसल लेने के बारे में विशेष जानकारी नहीं है धीरे-धीरे जागरूकता आने पर निश्चित रूप से इन फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा तो लाभ बढ़ेगा। किसान ने बताया कि 6 से 8 महीने में आने वाली इस फसल का बीज, भूमि की जुताई, डाले जाने वाली खाद व कीट नाशक तथा कपास निकालने तक प्रति एकड़ लगभग ₹25000 का खर्च आता है। इसके अलावा भूमि की लीज, फसल की ट्रांसपोर्टिंग का खर्च अलग रहता है। उन्होंने बताया कि कपास का उत्पादन प्रति एकड़ लगभग 18 क्विंटल आ जाता है जिन्हें पंजाब से आए और स्थानीय मजदूरों से ₹8 प्रति किलो की दर से निकलवाने के बाद छत्तीसगढ़ के बेरला और महाराष्ट्र के नागपुर आदि स्थानों पर ले जाकर लगभग 7000 से ₹8000 प्रति क्विंटल की दर से बेचते हैं।