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भारतीय किसान संघ ने सोमवार को कृषि उपज मंडी परिसर में प्रदर्शन किया। किसान संघ ने नायब तहसीलदार कृष्णा पटेल को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसान संघ की प्रमुख मांगों में कृषि आदान और यंत्रों से जीएसटी को पूर्ण रूप से समाप्त करना शामिल है। संघ ने किसान हितैषी आयात-निर्यात नीति की मांग की है। उनकी मांग है कि फसल पकने के समय आयात न किया जाए।
कपास पर फिर से इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने की मांग
किसानों ने जीएम फसलों को भारत में प्रवेश की अनुमति न देने की मांग की। साथ ही कपास पर हटाई गई इम्पोर्ट ड्यूटी को तत्काल बहाल करने की मांग रखी। भूमि अधिग्रहण को सिर्फ विकास योजनाओं और राष्ट्रीय मुद्दों तक सीमित रखने की मांग की गई।
किसान संघ ने मुद्रा लोन की तरह तत्काल कृषि लोन देने की मांग की। हर ग्राम पंचायत में वर्षा मापक यंत्र लगाने और जिलों में कृषि कॉलेज खोलने की मांग भी की गई। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 5 लाख रुपए करने की मांग रखी।
खाद उपलब्ध कराने की मांग की
सूर्यांश पाटीदार ने कहा कि मक्का और सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाए। पिछले दो महीने में रासायनिक उर्वरकों की कमी से किसानों को परेशानी हुई है। इसलिए किसानों को पर्याप्त खाद उपलब्ध कराया जाए। जले हुए ट्रांसफार्मर 24 घंटे में बदलने की मांग भी की गई।
कार्यक्रम में भारतीय किसान संघ तहसील अध्यक्ष दिनेश पटेल, विष्णु यादव, इंदरसिंह सोलंकी समेत कई किसान नेता मौजूद थे। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन किया जाएगा।
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