महाराष्ट्र में लगातार बारिश के कारण कपास सीजन के लंबे खिंचने की संभावना
2024-09-21 14:17:42
महाराष्ट्र में जारी बारिश से कपास का मौसम बढ़ने की उम्मीद है।
हर साल दशहरा और दिवाली के दौरान किसान अपनी पहली कपास की फसल बेचकर आवश्यक धन प्राप्त करते थे। हालांकि, इस साल लगातार हो रही बारिश के कारण कपास की बोंड बनने और खिलने की प्रक्रिया में देरी हो रही है, जिससे कपास सीजन के लंबा खिंचने की संभावना जताई जा रही है। केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों के अनुसार, यह देरी इस साल कपास की फसल पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।
जलगांव और खानदेश क्षेत्र में कपास मुख्यतः ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर उगाया जाता है, जिससे किसान मानसून से पहले, मई के महीने में, कपास की बुआई कर लेते हैं। आमतौर पर, इस फसल की कटाई दशहरा और दिवाली के समय की जाती है, जिससे किसान त्योहारों के लिए आवश्यक धन जुटा पाते हैं। इस साल भी कपास की फसल पकने की कगार पर है, लेकिन बारिश के कारण बोंड खिलने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञ विवेक शाह ने हाल ही में जलगांव जिले का निरीक्षण किया, जिसमें उन्होंने देखा कि कपास के पौधों पर 40 से 45 फलियाँ लगी हुई थीं, लेकिन इनमें से केवल दो से तीन ही खिली थीं। लगातार बारिश के चलते फसल को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाई, जिससे बोंड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
इस स्थिति को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल कपास सीजन कुछ हफ्तों के लिए आगे बढ़ सकता है। इससे दशहरा और दिवाली के समय मंडियों में कपास की बड़ी आवक की संभावना भी घट गई है, जिससे किसान और बाजार पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।