STAY UPDATED WITH COTTON UPDATES ON WHATSAPP AT AS LOW AS 6/- PER DAY

Start Your 7 Days Free Trial Today

News Details

पिंक बॉलवर्म प्रबंधन बड़ी चुनौती: कपास विशेषज्ञ

2023-04-07 18:19:47
First slide


पीएयू में कपास पर दो दिवसीय वार्षिक समूह बैठक 2022-23 का उद्घाटन


कपास किस्मों के विकास की प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है, विशेष रूप से कपास के संकरण कार्यक्रम में बीटी जीन, बड़े बॉल आकार, रोगों के प्रति प्रतिरोध और यांत्रिक कटाई पर ध्यान केंद्रित करने की। यह बात कही पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में फसल विज्ञान के उप महानिदेशक डॉ. टीआर शर्मा ने।


भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में कपास पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) की दो दिवसीय वार्षिक समूह बैठक 2022-23 का उद्घाटन किया।  उद्घाटन सत्र में विभिन्न राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और आईसीएआर संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ पीएयू के कृषि विशेषज्ञों ने भाग लिया।


विश्वविद्यालयों को किसानों के लिए प्रौद्योगिकी जारी करने का महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए, आईसीएआर विशेषज्ञ ने कपास के लिंट या खाद्य तिलहन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ शर्मा ने कहा, "2002 में इसकी शुरुआत के बाद से, बीटी कपास एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और बीटी कपास की किस्मों/संकरों को लोकप्रिय बनाने और कपास में सुधार के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।" कम कपास उत्पादन और उत्पादकता के मुद्दे की ओर इशारा करते हुए डॉ. शर्मा ने उच्च घनत्व रोपण प्रणाली (एचडीपीएस) के लिए कुछ किस्मों को जारी करने का आश्वासन दिया।


50 साल पहले पीएयू में काम कर चुके कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीडी मायी ने बीटी कॉटन हाइब्रिड के विकास के लिए निजी कंपनियों को विश्वविद्यालयों के साथ जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया। कपास की खेती में जलभराव की समस्या को दूर करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, "उत्तर भारत में कपास अधिक पानी के कारण पीड़ित है, जबकि दक्षिण भारत में यह कम पानी के कारण पीड़ित है।" कपास के एचडीपीएस संकरों के विकास पर प्रभाव डालते हुए डॉ मायी ने इस दिशा में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के एकीकरण को दोहराया।


भाकृअनुप-सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कॉटन टेक्नोलॉजी, मुंबई के निदेशक डॉ. एस.के. शुक्ला ने कपास की कटाई के दौरान आने वाली कठिनाइयों पर भी चिंता जताई और प्रजनकों को इसके समाधान के रूप में एचडीपीएस संकर के साथ आने का आह्वान किया। डॉ. शुक्ल ने कपास की रेशों की गुणवत्ता और कताई उद्योग द्वारा अपनाए जा रहे मापदंडों पर भी विस्तार से चर्चा की। 


मौजूदा फसल सीजन में पंजाब के कपास उत्पादकों को 33 प्रतिशत बीज सब्सिडी के प्रावधान की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बीटी कपास का हस्तक्षेप एक बड़ी सफलता है। हालांकि सफेद मक्खी ने 2015 में कपास उत्पादकों के लिए कहर बरपाया था, फिर भी शोधकर्ताओं, विस्तार कार्यकर्ताओं और प्रशासकों के सामूहिक प्रयासों से इस कीट पर सफलतापूर्वक काबू पाया जा सका।

👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻

https://smartinfoindia.com/hi/news-details-hindi/Gharelu-pakistan-utpadak-kapas-dasak-istar-fasal-kapda

Regards
Team Sis
Any query plz call 9111677775

https://wa.me/919111677775

Related News

Circular