पिछले कुछ दिनों में कपास की कीमत 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ने के साथ ही किसानों ने बड़ी मात्रा में कपास को बाजार में बिक्री के लिए लाना शुरू कर दिया है।
महाराष्ट्र: किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। कपास के दाम 700 रुपये से बढ़कर हजार रुपये प्रति क्विंटल हुए हैं। धुले जिले के अधिकांश किसान अपनी कपास घर पर ही रखे हुए थे। पिछले चार माह से कपास की कीमत 8 हजार रुपए से ऊपर नहीं गई। किसानों को उम्मीद थी कि कपास की कीमतें 10,000 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकती हैं। लेकिन दाम नहीं बढ़ने से किसान मायूस थे। लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की मांग बढ़ी है और भाव अच्छे मिल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास के दाम बढ़ने से घरेलू कपास बाजार में भी तेजी आई है।
पिछले कुछ दिनों में कपास की कीमत 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ने के साथ ही किसानों ने बड़ी मात्रा में कपास को बाजार में बिक्री के लिए लाना शुरू कर दिया है। फिलहाल कपास के भाव आठ हजार क्विंटल से ऊपर हैं। किसानों को उम्मीद है कि ये रेट और बढ़ेंगे। क्योंकि इतने लंबे समय तक किसानों ने कपास को बनाए रखा है। किसानों की एक मामूली उम्मीद है कि उन्हें अच्छा पारिश्रमिक मिलना चाहिए।
धुले जिले में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। साथ ही किसानों ने रमजान का महीना होने के बावजूद तरबूज में अच्छी कीमत नहीं मिलने पर नाराजगी भी जताई है। तरबूज की कीमत सात रुपये प्रति किलो से ऊपर नहीं होने से तरबूज उत्पादक किसान संकट में हैं। वही तरबूज ग्राहकों को 15 से 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदना पड़ रहा है। किसानों और उपभोक्ताओं के बीच प्रति किलो कीमत में दो से तीन गुना का अंतर है।